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खाली है। किसी ने टंकी की नलकी खोल दी है। पता है ये सब काम कौन करते हैं, घटिया सोच के वे लोग जिनके पास करने को कुछ नहीं, वे फुरसतिया लोग दिनभर हा-हा-ही-ही - ही करते रहते हैं ।
मैं एक महिला को जानता हूं जो अपनी बहू के व्यवहार से कभी खुश नहीं थी। अगर खाना स्वादिष्ट बनाये और कोई तारीफ़ करे तो मसालों को श्रेय देगी । मैं अभी अमुक मसाले मंगवाये इसलिए सब्जी स्वादिष्ट हुई। बच्चों की प्रशंसा में दो शब्द कहें तो वह महिला सीधे कहती है ये पोते-पोतियाँ तो बिल्कुल मुझ पर गए हैं। यदि कोई ग़लती हो बच्चों से तो कहेगी बहू से यही सब सीख रहे हैं। यानी सदा अपनी सोच का ग़लत उपयोग ।
विचार पर करें विचार
विचार तीन तरह के होते हैं- विचार, अविचार, निर्विचार ।
विचार की स्थिति वह है जहाँ व्यक्ति सामान्य रूप में सोच रहा है। अविचार की स्थिति वह है जहाँ व्यक्ति के पास सोचने की क्षमता नहीं है, वह जड़बुद्धि है । निर्विचार की स्थिति वह है जहाँ व्यक्ति अनावश्यक विचारों से स्वयं को बचाए रखता है। अब देखें कि दिनभर कितने विरोधाभासी
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विचार आपके दिमाग़ में पनपते रहते हैं। शायद आप जानते हों कि मस्तिष्क में पनपने वाले विचारों का एक दिन में पांच प्रतिशत ही उपयोग हो पाता है । पिच्यानवें प्रतिशत विचारों का जीवन में कोई सीधा ताल्लुक नहीं होता । परिणामतः आप रात में सोए हैं तो विचार आपको प्रभावित कर रहे हैं । अगर आप तनावग्रस्त हैं तो इसका कारण है कि आपके विचार संतुलित नहीं है । आप चिंताग्रस्त हैं तो इसका कारण आपके विचारों का उखड़ापन है । आप अवसाद या घुटन से भरते जा रहे हैं तो यह जान लें कि आप अपने विचारों का संतुलन बिठाने में असमर्थ हैं। और तो और, घर में लड़ाई-झगड़ा शुरू हो गया है तो इसका मूल कारण है कि हम घर में वैचारिक सामंजस्य नहीं बना पा रहे हैं
विरोधाभाषी विचार
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सुबह कुछ, दोपहर कुछ और सांझ को कुछ और
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