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एक दिन उसके दोस्त ने कहा 'अरे भाई शादी क्यों नहीं करते?' उसने कहा 'क्या बताएं जमाना बहुत बदल गया है, पत्नी आती है तो धौंस जमाती है, अपने से यह सब सहन नहीं होगा, अकेला रहूंगा और शादी-वादी नहीं करूंगा।' दोस्त ने कहा 'मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूं जिससे पत्नी जीवनभर तुम्हारी दासी बनकर रहेगी।' उसने उपाय बताया कि जैसे ही शादी करके पत्नी आए तुम अगले ही दिन से पत्नी पर धौंस जमाना शुरू कर देना। उसने पूछा ‘कैसे?' मित्र ने कहा 'दूसरे ही दिन से अकड़कर ही बोलना और साथ में यह भी जोड़ देना, ऐसा काम करो नहीं तो?' उसने कहा, 'यह ठीक है, पत्नी को पहले दिन से ही दबाकर रखो तो जीवनभर दबी रहेगी।'
ऐसा ही हुआ, उसने शादी कर ली और अगले दिन सुबह ऑफिस जाना था। उसने कहा, 'मेरे लिए जल्दी से नाश्ता तैयार करो नहीं तो?' पत्नी ने सोचा आज तो पहला दिन है और यह शुरुआत ही 'नहीं तो' से! फिर उसने कहा, 'जल्दी से मेरे जूतों की पॉलिश करो नहीं तो?' पत्नी
और घबराई। दोपहर में ऑफिस से आया और बोला 'मेरे लिए खाना बनाओ नहीं तो ?' पत्नी बिचारी घबराई कि न जाने क्या कर्म किये थे सो ऐसा पति मिला जो हर समय धौंस जमाता रहता है। यह काम करो नहीं तो, वह काम करो नहीं तो ........ आखिर मैं करूं क्या? इस तरह छह महीने बीत गए। उस व्यक्ति ने सोचा दोस्त ने बडी जोरदार बात बताई है। इसकी तबसे हिम्मत नहीं हुई जबान चलाने की। पत्नी बेचारी सोचती न जाने क्या बात है हरदम धमकाते रहते हैं, कहीं मैं कुछ बोल दूं तो डर लगता है मुझे छोड़ ही न दें, कहीं तलाक ही न ले ले।
साल भर बीत गया तब भी उस युवक की आदत नहीं सुधरी। जब भी कुछ काम कहता 'नहीं तो जरूर जोड़ देता। एक दिन पत्नी अपनी पड़ोसन के यहाँ गई जो थोड़ी उम्रदराज थी। उसने बातों-बातों में बताया कि मेरा पति जो
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