Book Title: Kya Swad Hai Zindagi ka
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 137
________________ व्यवहार की थोड़ी-सी सावधानियाँ हमारे परिवार को स्वर्ग बनाए रखती हैं। घर का कोई सदस्य गुस्सैल या क्रोधी प्रकृति का है तो ऐसा न समझें कि उसे अलग कर दिया जाए बल्कि यह सोचें कि इस सदस्य के साथ अपना तालमेल कैसे स्थापित करें। दूसरे यह कोशिश करें कि उसके साथ घर के सभी सदस्यों का ऐसा सरलतम व्यवहार हो कि धीरे-धीरे उसका क्रोध, अहंकार, गुस्सा भीतर-ही-भीतर गलना-पिघलना शुरू हो जाए। ईश्वर तो वैसे जोड़े बनाकर ही भेजता है। पति का स्वभाव अगर तेज होता है तो पत्नी का स्वभाव शीतल बनाकर भेजता है और पत्नी का स्वभाव तेज तो पति को शांत बनाकर भेजता है। इसके बावजूद घर के अन्य सभी सदस्य इस तरह का माहौल बनाकर रखें कि किसी एक के मन में पीड़ा है तो सभी उसकी पीड़ा को समझें । अगर किसी एक के मन में किसी बात को लेकर ईर्ष्या के भाव जग गए हैं तो परिवार के लोग नज़रअंदाज़ करने के बजाय उसे समझें। अगर परिवार में कोई महिला घुटन या कुंठा महसूस कर रही है तो अन्य सभी उसकी कुंठा और घुटन को समाप्त करने की कोशिश करें। हरदम न होगी हरियाली ___ परिवार में हम लोगों का एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार हो? सबसे पहले देखें . बच्चों के प्रति। अपने बच्चों को । सिखायें कि उन्हें जन्म से सुविधाएँ तो मिली हैं, पर जीवन में सुविधाभोगी न बनें। जिन्हें बचपन से सारी सुविधाएँ मिलती हैं और जो अपने बच्चों को संघर्ष का च्यवनप्राश नहीं खिलाते उनके आगे के जीवन में कोई दुःख की वेला आ जाए, किसी असुविधा का सामना करना पड़ जाए तो वे बच्चे जीवन से हार जाया करते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि जीवन में हरी घास कभी-न-कभी सूखती अवश्य है। अपने बच्चों को इस बात का अहसास कराते रहें कि उन्हें जो हरी घास जन्म से मिली है उसे सूखने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है। उन्हें इस बात का संकेत देते रहें कि जितने मजे से आज हरी घास में खेल रहे हैं अगर जीवन में सूखी घास भी आ जाए 136 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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