Book Title: Kya Swad Hai Zindagi ka
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 135
________________ का माहौल होता है, हर व्यक्ति एक दूजे के प्रति सहभागिता और त्याग की भावना से जुड़ा होता है। तब राम के वनवास में भी स्वर्ग होता है। इसके विपरीत जहाँ परिवार में द्वेष होता है वहाँ किसी का राजतिलक होते हुए भी नरक होता है। परिवार तो हमारे जीवन की पाठशाला है। विद्यालय में तो बच्चा बाद में जाता है उसके संस्कार पहले घर में पड़ते हैं। विद्यालय तो शिक्षा देने के - लिए होते हैं, लेकिन परिवार ..... अच्छे संस्कार देने वाले होते हैं। हमारे चरित्र का निर्माण हमारे परिवार के आधार पर होता है। हमारा नज़रिया हमारे पारिवारिक चरित्र से बनता है। हमारे जीवन की अच्छी और बुरी आदतों का मूल भी कहीं न कहीं हमारे परिवार के भीतर ही होता है। ___ आप बच्चों के लिए अच्छा प्रवक्ता होने के बजाय उनके सामने खुद को अच्छे उदाहरण के रूप में पेश करें। एक व्यक्ति जो अपने बच्चों के सामने ऊँची-ऊँची डींगे हाँकने की, ऊँचे-ऊँचे आदर्श स्थापित करने की, सत्य, ईमान, धर्म और संस्कार के दीप जलाने की बातें करता है उसके लिए अच्छा होगा कि वह इनके लिए भाषण देने के बजाय स्वयं को इन कार्यों के लिए समर्पित करके उदाहरण प्रस्तुत करें। ___ याद रखिए खुशियाँ कभी किराये पर नहीं मिलती। मैं प्राय: देखा करता हूँ कि हर घर में साजो-सामान लगभग एक जैसा होता है - वही दो या चार पहिया वाहन, टी.वी. फ्रीज, बीवी, बच्चे, दुकान, मकान। फिर भी एक परिवार के सात सदस्य खुश नज़र आते हैं और दूसरे परिवार के पांच सदस्य दुःखी नज़र आते हैं। एक जैसी सुविधाएं दोनों परिवारों में होने के बावजूद कहीं पर खुशियाँ हैं और कहीं ग़म है। सुबह ईद तोशाम दिवाली जहाँ परिवार खुशहाल होता है वहां की हर सुबह पर्व की तरह होती है। 134 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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