Book Title: Kya Swad Hai Zindagi ka
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 144
________________ बच्चों को दीजिए संस्कार की पूंजी ऐसा तभी होता है जब हम कुछ ज्यादा ही लाड-प्यार में बच्चों को रखते हैं और दूसरा उन्हें टोकने का हौंसला नहीं रखते । इसलिए मैंने पहले ही कहा कि अपने बच्चे को संघर्ष, आत्मविश्वास और परिश्रम का च्यवनप्राश खिलाइये। ___ वे माता-पिता सामान्य होते हैं जो बच्चे को जन्म देते हैं और उन्हें उनकी तक़दीर पर छोड़ देते है कि भगवान उन्हें जैसा चाहे, वैसा पाले। वे माता-पिता मध्यम होते हैं जो बच्चे को जन्म देकर बहुत सारा धन देते हैं। उनके नाम जमीन-जायदाद, मकान-सम्पत्ति आदि छोड़ जाते हैं। श्रेष्ठ और उत्तम प्रकृति के माता-पिता वे होते हैं जो अपने बच्चे को सुसंस्कार की पूंजी दिया करते हैं। वे जीवन का पाठ पढ़ाते हैं, जीवन के नैतिक संदेश देते हैं जिनके चलते वह अपने जीवन का चहुंमुखी विकास करने में सक्षम व समर्थ होता है। ___दो चार फूलों के खिलने से बाग उपवन नहीं होता, वह उपवन तब होता है जब वहाँ कई तरह के फूल खिले होते हैं। अगर आप परिवार में कई सदस्य हैं तो ये अलग-अलग तरह के खिले हुए फूल हैं और इन फूलों से हम अपने घर, जीवन और परिवार के उपवन में खुशहाली और स्वर्ग को संजो सकते हैं। जीवन-विकास के लिए दीजिए धरातल अन्तिम बात जो बच्चों के संबंध में कहना चाहूंगा कि आप अपनी ओर से बच्चों को विकास का मौका दें। यह न सोचें कि बच्चा है, अभी पढ़ने दो। जैसे ही बच्चा सोलह वर्ष की उम्र पार करे, उसे पढ़ाई के साथ अपने बिजनेस से जोड़ने की कोशिश करें। ईश्वर ऐसा न करे, लेकिन यह भी हो सकता है कि आपका बच्चा पढ़ाई पूरी करे, उससे पहले आपके साथ कुछ अनहोनी हो जाए तो आप उसे अपने ऑफिस, दुकान, व्यवसाय से जरूर जोड़ें ताकि शिक्षा के साथ वह व्यवसाय में भी पारंगत होना शुरू हो जाए। आप उसे जीवन-विकास के लिए ज़मीन दें। अगर 143 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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