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साथ ही न आ जाता? एक-दूसरे की कमियाँ उघाड़ने की बजाय शालीनता से पेश आएँ । याद रखें वह आपकी अर्धांगिनी है नौकरानी नहीं। माना कि आप उसके पति हैं, संरक्षक हैं, फिर भी पत्नी इज्जत की हक़दार है। अगर आप इज्जत पाना चाहते हैं तो इज्जत देना सीखें। ____ मैं तो कहूँगा अपने बच्चों को भी इज्जत दो। अपने पति को भी इज्जत दो। पति की तारीफ़ करने की आदत डालें। मैंने अनेक लोगों पर प्रयोग करके अनुभव किया है कि अगर मैं किसी पुरुष से कहूँ कि 'आपकी पत्नी बहुत सुशील है, अच्छी कुलीन है,शांत स्वभाव की है।' तो वह कहेगा सब आपकी कृपा है, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद है, आप सही कहते हैं महाराज।' और अगर यही बात मैं उसकी पत्नी को कहूँ तो वह तुरंत कहेगी, 'रहने दीजिए महाराज, मैं जानती हूँ हकीकत क्या है।' अगर मैं कहूँ कि आपके पति देव हैं तो वह कहेगी आपके सामने देव हैं, पर मैं जानती हूँ वे कैसे देव हैं।'
औरों की तारीफ़ करने की और सुनने की आदत डालें। घर के सदस्यों को हमेशा अतिथि मानकर चलें, ताकि उनके सम्मान में कभी कमी न आए और अतिथि को हमेशा भगवान । अगर अतिथि से कोई कांच की गिलास फूट, जाए तो आप कहते हैं न् ठीक है, ठीक है, कोई बात नहीं। अतिथि के सामने तो इतना बड़प्पन दिखाते हो और अगर घर की बहू से ग्लास फूट जाए तो उसे अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। घर के सदस्य को भी अतिथि का दर्जा दो ताकि तुम उनके साथ ग़लत तरीके से पेश न आओ और अतिथि को भगवान का स्वरूप मानो ताकि उन्हें पूर्ण सम्मान दे सको। शालीनता में ही कुलीनता
विनम्र रहें और मधुर वाणी का उच्चारण करें। आपके व्यवहार की शालीनता आपके जीवन को ऊंचा उठाएगी। किसी की कुलीनता की पहचान उसकी सम्पत्ति से नहीं उसकी शालीनता से होती है। आप किसी मीटिंग में हैं और एक अन्य व्यक्ति थोड़ी देर से आता है तो आप उसके सम्मान में खड़े
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