________________
क्षीरार्णव अ.-१११ क्रमांक अ.-१३ देवता पद स्थापन विभाग पृथक पृथकू ग्रंथो का मतमतान्तर का कोष्टक १ क्षीरार्णव २ दीपा- समरांगण सूत्रधार प्रासादतिलक | देवमामूर्ति
| वस्तुसार विवेक |व ३ शानरत्नकोश का मत
प्रकरण वलास | भीतसे
मयमतम ४ अपराजित | भोतसे दश भाग |
४९ भाग | भाग पांच भाग |
भाग
MNNN
पिशाच भूत वैताल राक्षस
। राक्षस
१ यक्षगन्धर्व
क्षेत्रपाल अघोर भृग घोर
दैत्य हनुमंत यक्षराज क्षेत्रपाल ४ . गंधर्व
२ देव और देविका भैरव गण मातृका लक्ष्मी सर्व देवी | यक्ष ग्रहो गणेश लक्ष्मी वितरागजिन दुर्गा लक्ष्मी
३ । कृष्ण जीन
सूर्य कार्तिक अग्नि विश्वरूप, उमा, लक्ष्मी ७ चण्डि जनार्दन पद्मासन की ऊभी ।
विष्णु मूर्ति वासुदेव शेषशायी दशा-16 विष्णु
४ ब्रह्मा वतार शंकर उमा ब्रह्मा, सरस्वती, सावित्री ।
हिरण्यगर्भ, मिश्र ९ । ब्रह्मा
युग्ममूर्ति कार्तिक स्वामी रुद्र अर्ध नारिश्वर १० शिवलोक मध्यमें | ५ | शिवलिंग मध्यमें सावित्री नकुलीश हेमगर्भ शालिग्राम ब्रह्मा । शिवलिंग मध्यमें
-२४ भाग मानुयांश--x--२६ पिशाचांश---
| मातृका यक्ष गन्धर्व राक्षस भूतादि सर्वदेव स्थापन
सुर्य
---४ ब्रह्मांश---x ब्रह्मा विष्णु स्थापन ।
मध्यमें