Book Title: Kriya kosha
Author(s): Mohanlal Banthia
Publisher: Jain Darshan Prakashan
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क्रिया-कौश
३०१
पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति, अकिरियाबाई, अन्नाणियवाई, वेणश्यवाई य चत्तारि वि आउयाइं पकरेंति । एवं नीललेक्सा वि, काउलेस्सा वि । ( प्र १४ )
तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावाई किं नेरइयाउयं - पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइयायं पकरे, तिरिक्खजोणियाज्यं पिपकरेइ, मणुहसाउयं पि पकरेइ, देवाउयं पिपकरे | xxx जहा तेउलेश्सा एवं पम्हलेस्सा वि सुकलेस्सा वि नायव्वा ।
(१६)
कण्हपक्खिया णं भंते! जीवा अकिरियाबाई किं नेरइयाउयं -पुच्छा । गोयमा ! नेरइयाजयं पि पकरेइ - एवं चउवि पि । ( प्र १८ )
सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा | xxx | मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया ।
( प्र १८,१६)
xxx ! अन्नाणी जाव-विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया । सन्नासु चउसु वि जहा सलेस्सा xxx 1
सवेदगा जाव नपुंसगवेद्गा जहा सलेस्सा | xxx | सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा | xxx
सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा | xxx | सागारोव उत्ता य अणागारोव उत्ता य जहा सलेस्सा । ( प्र २२ )
अकिरिया वाई णं भंते ! नेरइया- पुच्छा । गोयमा ! नो नेरझ्याउयं पकरें (इ) न्ति, तिरिक्खजोणियाज्यं वि पकरेंति, मणुस्साज्यं वि पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति । ( प्र २४ )
सलेस्सा णं भंते ! नेरइया xxx । जे अकिरियाबाई xxx ते सव्वाणेसु वि नो नेरइयाज्यं पकरेंति, तिरिक्खजोणियाउयं पिपकरेंति, मणुस्साउयं पिपकरेंति, नो देवाजयं पकरेंति । नवरं सम्मामिच्छते उवरिल्लेहिं दोहि वि समोसरणेहिं न किंचि वि पकरे जहेव जीवपदे । एवं जाव - थणियकुमारा जहेव नेरइया । ( प्र २५ )
अरियावाई णं भंते! पुढविक्काइया - पुच्छा ! गोयमा ! नो नेरइयाडयं पति, तिरिक्खजोणियाज्यं पकरेंति, मणुस्साउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति । ( प्र २६ ) xxx 1
सलेस्सा णं भंते! एवं जं जं पदं अस्थि पुढविकाइयाणं तहिं तहिं मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु एवं चैव दुविहं आउयं पकरेंति । नवरं तेउलेस्साए न किं पि पकरेंति ( प्र २७ ) ।
एवं आउकाइयाण वि, एवं वणस्सइकाइयाण वि । तेडकाइया वाउकाइया
"Aho Shrutgyanam"

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