________________
२९
में गालीगलौज करने से या आधुनिक यतियों के लिखेपोथों का प्रमाण से अब काम नहीं चलेगा ।
दीवार नंबर ८ कई खरतर लोग जिनदत्तमरि के जीवन में यह भी लिखते है कि योगिनियोंने दादाजी को सात वरदान दिए, जिनमें एक यह वरदान भी है कि खरतरगच्छ में यदि कोइ कुमारी कन्या दीक्षा लेगी तो वह ऋतुधर्म में नहीं आएगी। इत्यादि ।
समीक्षाः-गच्छराग और गुरुभक्ति इसीका ही तो नाम है फिर चाहे वह बात शास्त्र और कुदरत से खिलाफ हो क्यों न हो । पर अपने गच्छ या आचार्यों की महिमा बढाने के लिए वे ऐसो भद्दी बातें कहने में तनिक भी विचार महों करते हैं । भला इस खरतरगच्छ में बहुत सी कुमारी कन्याएं दीक्षा ली थी और वर्तमान में भी विद्यमान हैं, किन्तु ये सबकी सब यथाकाल ऋतुधर्म को प्राप्त होती हैं । इस हालत में खरतरों को समझना चाहिये कि या तो वे कुमारी कन्याएं दीक्षा लेने के उपरान्त कुमारी नहीं रह सकी या योगिनियों का वचन असत्य है । खरतरों को जरा सोचना चाहिये कि ऐसी भही बातों से गच्छ व दादाजी की तारीफ होती हैं या हंसी ? क्योंकि इस प्रत्यक्ष प्रमाण कों कोई भी इन्कार नही कर सकता हैं ।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com