Book Title: Khartaro ke Hawai Killo ki Diware
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratna Prabhakar Gyan Pushpamala

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Page 56
________________ -: मूर्तियों पर के शिलालेख : संग्रहकर्ता-श्रीमान् बावू पूर्णचन्द्रजीनाहर जैनलेखसंग्रह भा.१-२-३ लेखांक | वंश और गोत्र-जातियों लेखांक वंश और गोत्र-जातियां | ५८९ उपकेशवंशे जाणचागोत्रे । उकेशवंशे गांधीगोने उपकेशवंश नाहरगोत्रे उकेशवंशे गोखरूगोत्रे उपकेशज्ञाति भादड़ागोत्रे उपकेशवंशे कांकरीयागोत्रे उपकेशवंशे लुणियागोत्रे उपकेशज्ञाति आदित्यनागउपकेशवंशे बारड़ागोत्रे गोत्रे चोरडियाशाखायां उपकेशवंशे सेठियागोत्रे उपकेशज्ञाति चोपडागोत्रे उपकेशवंशे संखवालगोत्रे उपकेशज्ञाति भंडारीगोत्रे उपकेशवंशे ढोकागोत्रे डेढियाग्रामे श्रीउएसवंशे ५० उम्केशज्ञातौआदित्यनागगोत्र ६१० | उएशवंशे कुर्कटगोत्रे | उपकेशज्ञाति प्राचगोत्रे ५१ | उपकेशज्ञातौ बंबगोत्रे | उपकेशवंशे मिठडियागोरे | उ०बलहगोत्रे रांकाशाखायां| ६६४ | श्री श्रीवंशे श्रीदेवा* १०१२ | उ० ज्ञातिविद्याधरगोत्रे ६१९ * इस ज्ञाति का शिलालख पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर वीरात् ८४ वर्ष का हाल कि शोधखोज में मिला हैं । वह मूर्ति कलकत्ता के अजायब घर में सुरक्षित हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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