Book Title: Karmarth Sutram
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 16
________________ विभङ्ग शुद्धिपत्रकपृष्ठम् पङ्क्तिः अशुद्धम् शुखम् ६ २१ अशुभ, सुस्वर अशुभ, सुभग अने दुर्भग, सुस्वर ९ ६ मनोयोग, वैक्रिय. मनोयोग, एम चार वचन योग तथा औदारिककाययोग, औदारिकमिभकाय योग, वैक्रिय. ३ आठ पांच माठ छ पांच १७ विभङ्ग ११ चत्वारि चत्वारि ___२ असंझि असंशि १३ अने अने १६ १८ होय होय १७ ५ ६३ ६२ १८ ३ स्ब ९ नर२३ ३ पंचेंद्रिय, पंचेंद्रियजाति, २३ १९ पश्च० द्वयेकाक्षाः) पश्च० द्वयकाक्षाः) ८ असल्या ऽसल्या २५ ९ संयभी संयमी स्व नर

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