Book Title: Karmarth Sutram
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala
View full book text
________________
अज्ञात आशीर्वाद अने मारा गुरुदेवश्रीनी परम वात्सल्यपूर्ण कृपाथी क्षुल्लक प्रयास कयों छे छता आमा कंइ पण क्षति होय तो ते सुधारीने विशाल हृदयपूर्वक क्षमा बक्षवा कृपा करशो एज आशा साथे विराम पामु छ ।
ली० परमकृपालु प्रशान्तमूर्ति गच्छाधिपति आचार्यश्री माणिक्यसागरसूरीश्वर शिष्याणु
मुनि पुण्योदयसागर.

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98