Book Title: Karm Prakruti Part 01
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala

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Page 7
________________ अहमदाबाद में होली चातुर्मासी के अवसर पर सम्पन्न श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ की साधारण सभा के विशेष अधिवेशन में आपको सर्वसम्मति से संघ का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। संघअध्यक्षों की गौरवशाली परम्परा में आपका प्रतिस्थापन निश्चय ही इस गौरव को आगे बढ़ाएगा। शैक्षणिक रुचि श्री भूराजी की स्कूली शिक्षा यद्यपि नगण्य रही है, लेकिन इतना होने पर भी आपने हिन्दी, बंगला व अंग्रेजी पर अधिकार प्राप्त किया । आपकी शैक्षणिक अभिरुचि का प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि आप वैरागी-वैरागिनी एवं साधु-साध्वियों की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था करनेवाली भारतप्रसिद्ध संस्था 'श्री सुरेन्द्रकुमार सांड शिक्षा सोसायटी' के वर्षों तक अध्यक्ष रहे। साहित्य को प्रोत्साहन देने के लिए आपने अपने पिताश्री की स्मृति में 'श्री भीखनचन्दजो दीपचन्द भूरा साहित्य प्रकाशन समिति' को स्थापना की, जो विद्वानों को प्रोत्साहित करते हुए नैतिक व चरित्र उत्थानमूलक साहित्य के सृजन में निरत है। ___ "कम्मे सूरा से धम्मे सा' की उक्ति को चरितार्थ करनेवाले श्री दीपचन्दजी भूरा ने जिस कार्य को हाथ में लिया, उसी को निपुणता से निबाहा । संवत् २०३२ में परमपूज्य जिनशासनप्रद्योतक आचार्यश्री नानालालजी म. सा. के देशनोक चातुर्मास में आपने सेवा का भरपूर लाभ लिया। आपके निश्छल चारित्र का प्रकटीकरण भी एक दिन हुआ, जबकि आपने भरी सभा में व्याख्यानस्थल पर खड़े होकर अपने जीवन की आलोयणा की और गरुदेव से प्रायश्चित्त ग्रहण कर अपनी साहजिक-सरलता का परिचय दिया। अपने कर्तव्य के प्रति सजग व समाज-समर्पित श्री भूरा का इस अवसर पर हम हादिक अभिनन्दन करते हैं। मंत्री __श्री अ. भा. साधुमार्गो जैन संघ, बीकानेर , (६)

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