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जिन सिद्धान्त ]
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उत्तर - गोत्रकर्म के अभाव से अगुरुलघुत्व गुणकी
शुद्ध अवस्था होती है ।
प्रश्न - सूक्ष्मत्व गुण की शुद्ध अवस्था किसे कहते हैं ? उत्तर - आयु कर्म के प्रभाव से सूक्ष्मत्व गुण की शुद्ध अवस्था होती है ।
प्रश्न- जड़ - मोक्ष किसे कहते हैं ?
उत्तर- जो कार्माणवर्गणा की कर्मरूप अवस्था आत्मा के प्रदेश के साथ में एक क्षेत्र में बन्धनरूप थी उस कर्म का आत्मा के प्रदेश से अत्यन्त प्रभाव होकर उसकी कर्म अवस्था मिटकर अन्य अवस्था हो जाना उसी का नाम जड़ मोक्ष है ।
प्रश्न -- नौ तत्त्वों में द्वेय तत्र कितना है ?
उत्तर - जीव तथा अजीव तच्च में दोनों ज्ञेय तत्व हैं। क्योंकि इसमें श्रात्मा कुछ परिवर्तन कर सकता नहीं ।
प्रश्न - नौ तवों में हेय तत्र कितने हैं ?
श्रव
उत्तर- नौ तत्वों में चार तत्त्व हेय हैं । (२) तत्व (२) पुण्य तत्व, (३) पाप तत्व, (४) बन्धतत्व । चारों चेतन तच्च छोड़ने लायक हैं कारण ये चारों दुख रूप है दुख का कारण है ।
प्रश्न - नौ तत्रों में उपादेय तत्व कितने हैं ?