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जिन सिद्धान्त अंगोपांग, इन ११ प्रकृतियों का बंध परोदय से होता है।
प्रश्न-स्योदय से बंध होने वाली कौनसी प्रकतियाँ है ? ___ उत्तर-ज्ञानावरणी ५, दर्शनावरणी ४, मिथ्यात्व, तेजस, कार्माण शरीर, वर्णादिक ४, अगुरुलघु, स्थिर, अस्थिर, शुभ, अशुभ, निर्माण, अंतराय ५, ये २७ प्रकृतियाँ स्व-उदय से बंधती हैं।
प्रश्न-स्वोदय, परोदय से बंधने वाली कौन सी कर्म प्रकृतियाँ हैं ? ___ उत्तर-दर्शनावरणी ५, वेदनीय २, अपाय १६, नोकपाय ६, तिर्यच-श्रायु, मनुष्य-आयु, तिर्यंचगति, मनुष्यगति, एकैन्द्रिय, वेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रियजाति, औदारिक शरीर, औदारिक अंगोपांग, संस्थान ६, संहनन ६, तियंचगत्यानुपूर्वी, मनुष्यगत्यानुपूर्वी, उपघात, परघात, उच्छ्वास आताप, उद्योत, विहायोगनि २. श्रस, स्थावर, बादर, भूम, पर्याप्त, अपर्याप्त. प्रत्येक, साधारण, सुभग, दुभंग, सुःस्वर दुःस्वर, आदेय, अनादेय, यगःक्रीति, अयशकीर्ति, नीचगोत्र, ऊँचगोत्र ये ८२ प्रकृतियाँ स्त्रोटय पर-उदय दोनों प्रकार से बंधती हैं।