Book Title: Jina Siddhant
Author(s): Mulshankar Desai
Publisher: Mulshankar Desai

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Page 190
________________ जिन सिद्धान्त] ____ उत्तर-चार गुणस्थान हैं, पाटबॉ, नौवा, ढसबॉ, और ग्यारहवाँ। प्रश्न-क्षपक श्रेणी के कौन कौन से गुणस्थान हैं ? उत्तर-चार गुणस्थान हैं, आठवॉ, नौवाँ, दसवाँ और बारहवाँ। प्रश्न---चारित्र मोहनीय की २१ प्रकृतियों की उपशमावने तथा क्षय करने के लिये प्रात्मा के कौन से परिणाम निमित्त कारण हैं। उत्तर-तीन परिणाम निमित्त कारण हैं-१ अधः करण, २ अपूर्वकरण, ३ अनिवृत्ति करण । प्रश्न-अधः करण किसे कहते हैं ? उनर-जिस करण में उपरितनसमयवर्ती तथा अधस्तनसमयवर्ती जीवों के परिणाम सदृश तथा विसदृश हों उसे अधःकरण कहते हैं। यह अधःकरण सातवें गुणस्थान में होता है। प्रश्न-अपूर्वकरण किसे कहते हैं। ___उत्तर-जिस करण में उत्तरोत्तर अपूर्व ही अपूर्व परिणाम होते जॉय अर्थात् भिन्न समयवती जीवों के . परिणाम सदा विसरश ही हों और एक समयवर्ती जीवों के परिणाम सदृश भी हों और विसदृश भी हों उनको अपूर्व करण कहते हैं। और यही आठवाँ गुणस्थान है।

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