Book Title: Jain Vidya 26
Author(s): Kamalchand Sogani & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 67
________________ जैनविद्या 26 में दुर्लभ है। प्रतीत होता है कि यदि यह रचना नहीं होती तो सम्यग्दर्शन का ऐसा अद्भुत महत्त्व प्रकाशित नहीं हो पाता। 1. प्रवचनसार, अंग्रेजी भूमिका, पृष्ठ 25, सम्पादक डॉ. ए.एन.उपाध्ये, रायचन्द ग्रन्थमाला, 1935 2. संयमप्रकाश, पृ. 453, आचार्य सूर्यसागर, दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, जयपुर 3. समयसार, तात्पर्यवृत्ति, गाथा 1 की टीका 4. कसायपाहुड, भाग 1, पृष्ठ 386 5. कसायपाहुड, भाग 1, पृष्ठ 325 6. अष्टपाहुड, भूमिका, पृष्ठ 19 7. देवशास्त्रगुरु पूजा, कविवर द्यानतराय सहायक आचार्य जैनदर्शन विभाग श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली - 110016

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