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जैनविद्या
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- निश्चय ही उदार मनुष्य दयालु होते हैं । - पापी पर उपकार करना सांप को दूध पिलाना है । - बिना कारण (निःस्वार्थ) किये गये उपकार अवश्य ही फलदायी होते हैं । - उपकार करनेवाले मनुष्य मारने योग्य नहीं हो सकते । - परोपकारी पुरुषों की सम्पूर्ण क्रियाएं दूसरों की भलाई के लिए ही होती हैं ।
- परोपकार में स्वोपकार निहित है । . - परोपकारी के लिए दूसरों की सन्तुष्टि ही अपनी सन्तुष्टि है ।
- सब फलों में परोपकार ही मुख्य फल है ।