Book Title: Jain Vidya 04
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 146
________________ इस अंक के सहयोगी रचनाकार 1. ग. प्रादित्य प्रचण्डिया 'दीति-जन्म 1953 । एम. ए., पीएच. डी., डी. लिट. उपाधि हेतु शोधरत । कवि, लेखक एवं समीक्षक । अनेक कविताएं, लेख एवं पुस्तकें प्रकाशित । रिसर्च एसोसिएट, हिन्दी विभाग, क. मु. भाषाविज्ञान एवं हिन्दी विद्यापीठ, प्रागरा । इस अंक के निबन्ध 'भविसंयत्तकहा का साहित्यिक महत्त्व' के लेखक । सम्पर्क सूत्र-मंगलकलश, 394, सर्वोदयनगर, प्रागरा रोड, अलीगढ़-202001 (उ० प्र०) । 2.. डॉ. कपूरचन्द जैन-जन्म 1954। एम. ए., पीएच. डी., साहित्य-सिद्धान्त शास्त्री । अनेक शोधनिबन्ध व पुस्तकों के लेखक । कवि, समीक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता । अध्यक्ष, संस्कृतविभाग, श्री कुन्दकुन्द जैन महाविद्यालय, खतौली । इस अंक के निबन्ध 'भविष्यदत्तकथा विषयक साहित्य-एक अनुशीलन' के लेखक । सम्पर्क सूत्र-130, बड़ा बाजार, खतौली-251201, उ. प्र. । डॉ. गंगाराम गर्ग-एम. ए., पीएच. डी., हिन्दी जैन भक्तिकाव्य पर डी. लिट. की उपाधि के लिए शोधरत । अनेक शोधपत्र, शोधनिबन्ध तथा पुस्तकों के लेखक । अपभ्रंश और हिन्दी के अध्ययन-अध्यापन एवं शोध में रुचि । प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, महारानी · श्रीजया कालेज, भरतपुर । इस अंक के निबन्ध 'भविसयत्तकहा में नीतितत्त्व' के लेखक । सम्पर्कसूत्र-110 ए, रणजीतनगर, भरतपुर, राज.। . डॉ. गजानन नरसिंह साठे-जन्म 1922 । एम. ए. (हिन्दी, अंग्रेजी व मराठी), बी. टी., साहित्यरत्न, मराठी साहित्य विशारद, पीएच. डी. (अपभ्रश महाकवि स्वयंभू पर) । अनेक शोधलेखों, पुस्तकों व काव्यों के लेखक, अनुवादक व सम्पादक । राष्ट्रभाषा प्रचार हेतु विशेषरूप से संलग्न । हिन्दी विभागाध्यक्ष, रा. पा. पोद्दार कॉलेज ऑफ कॉमर्स । इस अंक के निबन्ध 'भविसयत्तकहा का जीवन में प्रतिबिम्ब' के लेखक । सम्पर्क सूत्र-1472, सदाशिव पेठ, परांजपे सदन, पुणे - 411030, महाराष्ट्र ।

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