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3.
सूचनाएं
1.
पत्रिका सामान्यतः वर्ष में दो बार प्रकाशित होगी।
2. पत्रिका में शोध-खोज, अध्ययन-अनुसन्धान सम्बन्धी मौलिक अप्रकाशित रचनाओं को ही स्थान मिलेगा ।
4.
5.
6.
जैनविद्या
( शोध-पत्रिका)
7.
जैन विद्या
रचनाएं जिस रूप में प्राप्त होंगी उन्हें प्रायः उसी रूप में प्रकाशित किया जायगा । स्वभावतः तथ्यों की प्रामाणिकता आदि का उत्तरदायित्व रचनाकार का रहेगा ।
रचनाएं कागज के एक ओर कम से कम 3 सेमी. का हाशिया छोड़कर सुवाच्य अक्षरों में लिखी अथवा टाइप की हुई होनी चाहिए ।
अन्य अध्ययन अनुसंधान में रत संस्थानों की गतिविधियों का भी परिचय प्रकाशित किया जा सकेगा ।
समीक्षार्थं पुस्तकों की तीन-तीन प्रतियां श्राना आवश्यक है ।
रचनाएं भेजने एवं अन्य सब प्रकार के पत्र व्यवहार के लिए पता
सम्पादक
जैनविद्या
जैन विद्या संस्थान श्रीमहावीरजी श्रीमहावीरजी (जिला सवाई माधोपुर)
राजस्थान 322220