________________
(७२) नाम अजर, अमर, सिद्ध, बुद्ध, पारगत, परंपरागत, मुक्त इत्यादि हैं। जीव द्रव्य विभेद यह व्यवहार नयके मतसे ही है इसी प्रकार अन्य द्रव्योंके भी भेद जान लेने ॥
॥अथ ऋजुसत्र नय ॥ ऋजुसूत्रोऽपि द्विधा सूक्ष्मणु सूत्रो यथा-एक समयावस्थायी पयायः । स्थूलर्जु सूत्रो यथा मनुप्यादि पर्यायास्तदायुः प्रमाण कालं तिष्ठंति इति ऋजुसूत्रोऽपि द्विधा । ___भाषार्थः--ऋजु सूत्र नय भी द्वि भेदसे कहा गया है यथा जो समय २ पदार्थोंका नूतन पर्याय होता है और पूर्व पर्याय व्यवच्छेद हो जाता है उसीका ही नाम सूक्ष्म ऋजुसूत्र नय है अपितु जो एक पर्याय आयु पर्यन्त रहता है उस पर्यायकी संज्ञाको लेकर शब्द ग्रहण करे जाते हैं उसका नाम स्थूल ऋजुसूत्र नय है जैसेकि-नर भव १ देव भव २ नारकी भव ३ तिर्यग् भव ४। यह भव यथा आयुप्रमाण रहते हैं इसी वास्ते मनुष्य १ देव २ तियग् ३ नारकी ४ यह शब्द व्यवहत करनेमें आते हैं। ॥ अथ शब्द समभिरूढ एवंभूत नय विवर्णः ॥ शाब्दसमभिरूडैर्वभूता नयाः प्रत्येकमकैका नयाः शब्दनयो यथा