Book Title: Jain Samaj ka Rhas Kyo
Author(s): Ayodhyaprasad Goyaliya
Publisher: Hindi Vidyamandir Dehli

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Page 19
________________ १४ जैन-समाजका हास क्यों ? (वैश्य) को दी थी। इनके ३६ वैश्य पल्लियाँ थीं और एक पत्नी राजकुमारी वसुन्धरा भी क्षत्रिया थी । फिर भी वे मोक्ष गये। (उत्तरपुराण पर्व ७६ श्लोक ३४६-४७) ४-कुवेरप्रिय सेठ वैश्य ने अपनी पुत्री क्षत्रिय-कुमारको दी थी। ५ क्षत्रिय राजा लोकपालकी रानी वैश्य थी। ६-भविष्यदत्त(वैश्य)ने अरिंजय (क्षत्रिय) राजाकी पुत्री भविष्यानुरूपासे विवाह किया था तथा हस्तिनापुरके राजा भपालकी कन्या स्वरूपा (क्षत्रिय) को भी विवाहा था । (पुण्याखव कथा) ७-भगवान् नेमिनाथके काका वसुदेव (क्षत्रिय) ने म्लेच्छ कन्या जरा से विवाह किया था । उससे जरकुमार उत्पन्न होकर मोक्ष गया था। (हरिवंशपुराण) ८-चारुदत (वैश्य) की पुत्री गंधर्वसेना वसुदेव (क्षत्रिय) को विवाही थी । (हरि०) ६-उपाध्याय (ब्राह्मण) सुग्रीव और यशोग्रीवने भी अपनी दो कन्यायें वसुदेवकुमार (क्षत्रिय) को वियाही थीं । (हरि०) १०-ब्राह्मण कुलमें क्षत्रिय मातासे उत्पन्न हुई कन्या सोमश्रीको वसुदेवने विवाहा था । (हरिवंशपुराण सर्ग २३ श्लोक ४६-५१) ११---सेठ कामदत्त वैश्य ने अपनी पुत्री बंधुमतीका विवाह वसुदेष क्षत्रियसे किया था । (हरि०) १२-महाराजा उपश्रेणिक (क्षत्रिय) ने भीलकन्या तिलकवतीसे विवाह किया और उससे उत्पन्न पुत्र चिलाती राज्याधिकारी हुआ । (श्रेणिक चरित्र)

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