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आगमोदय समिति, मुंबई, सं. १९८३). अलग पण छपायु
छे : संपादक विजयक्षमाभद्रसूरि, पाटण, सं. १९९७ जिरको : जिनरत्नकोश : हरि दामोदर वेलणकर, भाग १, पूना, ई.
स. १९४४ जीकचू : जीतकरूपचूर्णि : संपादक मुनि जिनविजयजी, अमदावाद,
सं. १९८३ जीकचून्या : जीतकल्पचूर्णि : विषमपद व्याख्या-कर्ता श्रीचन्द्रसूरि
(सं. १२२७ ई. स. ११७१) . (उपर 'जीकचू' वडे निर्दिष्ट संस्करण ). जीकमा : जीतकल्पभाष्य :
(नीचे 'जीकसू' वडे निर्दिष्ट संस्करण ) जीकसू : जीतकल्पसूत्र-कर्ता जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण (ई. स. नो
७ मो सैको) : संपादक मुनिश्री पुण्यविजयजी, अमदावाद,
सं. १९९४ जीम : जीवाभिगम सूत्र-आचार्य मलयगिरिनी वृत्ति ( ई. स. नो
१२ मो सैको ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई. जेसू : जेसलमेर भांडागारीय ग्रन्थसूचि : पं. लालचंद्र भगवानदास
गांधी, वडोदरा, ई. स. १९२३ जैसाइ : जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास : श्री. मोहनलाल दलीचंद
देसाई, मुंबई, ई. स. १९३३ जंग : जंबुद्वीपप्रज्ञप्ति
( नीचे 'जशा' बड़े निर्दिष्ट संस्करण ) जंप्रशा : जंबुद्वीपप्रज्ञति-वाचक शान्तिचंद्रनी वृत्ति (सं. १६५०
= ई. स. १५९४ ) : प्रकाशक दे, ला. जैन पुस्तकोद्धार फंड, मुंबई, सं. १९७६
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