Book Title: Jain Sahitya ma Gujarat
Author(s): Bhogilal J Sandesara
Publisher: Gujarat Vidyasabha

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Page 314
________________ बांची [११ सोपारा २०७, २०८ | स्कन्दिल ७८ सोम २०७ स्कन्दिलाचार्य ८४, ९४, १२१, सोमदेव ८२, १५२ २१० सोमदेव भट्ट १४७ 'स्टोरी ऑफ कालक' ४१ सोमयश ९५ स्तिमित ८३ सोमसुन्दरसूरि १५४ स्तेयशास्त्र १४७ सोमिल ६३ स्तूप ५९, १२०, १२१ सोरठ्ठिया २०९, २१० स्तंभतीर्थ ७९, १८४ सौगंधिकानगरी ८१ स्थलपत्तन १८, ३५, ९७, — सौन्दरानन्द' काव्य ९५, २०२ सौराष्ट्र ६७, ६८, ८८, ९७, स्थविरावली ४१, ८४, ११६, ९९, १०५, १३४, ११७, १५२ १४१, १६७, १७४, स्थविरो ८१ ।। १७८, २०५, २०९, स्थानकपुर २११ 'स्थानांग' १० सौराष्ट्र (सौराष्ट्रनो) २०३ 'स्थानांगवृत्ति' ११ सौराष्ट्रिका २०९ सौराष्ट्रिकी २०९ 'स्थानांगसूत्र' १६० सौर्थदत्त १७८ स्थूलभद्र ८४, १३२, २०६ सौर्यावतंसक उद्यान १७८ स्नपन उद्यान २६, ७० सौवर्णिक नेमिचन्द्र ९, १५० स्नानागार २११ सौवीर ६८, २००, २१० 'स्याद्वादरत्नाकर' ५५ स्कन्द १०६ स्वाति ८४ स्कन्दगुप्त २४ स्वामी समंतभद्र ६४ स्कन्दपुराण १७ हतशत्रु ४२ स्कन्दराजा ४६ हत्थप्प २१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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