Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 11
________________ राजा पएसी की कथा जीव और शरीर की भिन्नता - पहली युक्ति दूसरी युक्ति तीसरी युक्ति चौथी युक्ति ३. जीवाजीवाभिगम पहली प्रतिपत्ति दूसरी प्रतिपत्ति तीसरी प्रतिपत्ति चौथी प्रतिपत्ति पाँचवीं प्रतिपत्ति छटी प्रतिपत्ति सातवीं प्रतिपत्ति आठवीं प्रतिपत्ति नौवीं प्रतिपत्ति ४. प्रज्ञापना प्रज्ञापना पद स्थान पद अल्पबहुत्व पद स्थिति पद विशेष अथवा पर्याय पद व्युत्क्रान्ति पद उच्छ्वास पद संज्ञी पद योनि पद चरमाचरम पद भाषा पद शरीर पद परिणाम पद कषाय पद इन्द्रिय पद प्रयोग पद (१०) Jain Education International For Private & Personal Use Only ५३ ५८ ५९ ६० ६१ ६७-७९ ६७ ६८ ६८ ७८ ভং ७९ ७९ ७९ ७९ ८३-१०१ ८४ ९५ ९५ ९५ ९६ ९६ ९६ ९६ ९६ ९६ ९७ ९७ ९७ ९७ ९८ ९८ www.jainelibrary.org

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