Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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प्रस्तुत पुस्तक में
उपांग
१. औषपातिक
उपांगों और अंगों का सम्बन्ध प्रथम उपांग दण्ड के प्रकार मृत्यु के प्रकार विधवा स्त्रियाँ प्रती और साधु गंगातटवासी वानप्रस्थी तापस प्रवजित श्रमण ब्राह्मण परिव्राजक क्षत्रिय परिव्राजक अम्मड परिव्राजक के सात शिष्य अम्मड परिव्राजक आजीविक अन्य श्रमण सात निह्नव राजप्रश्नीय
३७-६३
आमलकप्पा सूर्याभदेव विमानरचना प्रेक्षामंडप वाव नाट्यविधि सूर्याभदेव का विमान
५०
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