Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 10
________________ भामुख 'वैन-ज्योति : ऐतिहासिक व्यक्तिकोस' का प्रस्तुत प्रथम सण अपने पाठकों को भेंट करते हुए हमें बतीय प्रसन्नता है। कारादि का पवित इस कोश में विपत २५०० वर्ष (ईसापूर्व ६.. से सन् १९.... पर्यन्त) में एमाचावा, प्रभावक मुनिराजों, साध्वी बापिकाबों, उदासीन धावक-बाबिकाबों, साहित्यकारों, कसाकारों, धर्म एवं संस्कृति के पोषक राजा-महाराणानों, रानी-महारानियों, राजकुमार-राषकुमारियों, अन्य राबपुरुषों, सामन्त-सरवारों, पर्वबीरों, कर्मवीरों, युखवीरों, श्रेष्ठियों एवं श्रेण्ठिपलियों, अन्य उल्लेखनीय श्रावकभाविकाबों, सांस्कृतिक-सामाजिक-आर्षिक-राजनीतिक बादि किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त करने वाले प्रमुख पुरुषों एवं महिलाबों, आदि का संक्षिप्त, यथासंभव प्रामाणिक, परिचय ससंदर्भ संकलित किया गया है। महाबीर-पूर्व काल के पोराविक युग से केवल त्रिषष्ठि शलाका पुरुषों तथा स्वतन्त्रता. सेनानियों मादि ऐसे गति प्रसिद्ध स्त्री पुरुषों का ही चयन किया गया है जो जनमानस में प्रायः ऐतिहासिक जैसा ही स्थान बनाये हुए हैं। परिशिष्ट में वर्तमान खुन २०ीं बती ई. में अधुना दिवंगत उल्लेखनीय व्यक्तियों, विशेषकर साहित्यकारों, और समाजसेवियों का भी समावेश कर लिया गया है। इस कोम के निर्माण की कहानी मममम ५. वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुई। १९५६१. में अपनी विश्वविद्यालयो शिक्षा समाप्त करके हमारी विशेष रूचि बन इतिहास के अध्ययन एवं शोष-सोज में प्रवृत्त हुई। उस समय तक पीटर. सन, मंगरकर, हीरालाल मादि की रिपोर्ट; वेलकर का जिनरत्नकोक, कनिषम, गिरनॉट. स्मिय. फहरर. लास. राइस. नरसिंहाचर आदिको जन हस्तलिखित अन्बों, शिलालेखों, पुरावशेषों, कलाकृतियों आदि से सम्बन्धित शोष-खोज, मावं. पर, अपपिरिरामो बादि के दक्षिण भारतीय जैनधर्म विषयक प्रबन्ध, ही प्रकाश में पाये थे। उस काल तक भारतीय इतिहास विषयक अन्यों में राजनीतिक इतिहास पर ही बल दिया जाता था, सांस्कृतिक इतिहास उपेक्षित रहता था, कहीं कुषहमी दिवा पाता था तो कोड एवं ब्राह्मण परम्परा तक ही सीमित रहता था। इसी बीच स्वयं नजगत में पं. नाथूराम प्रेमी एवं आचार्य बुनक किशोर मुख्तार ने, विशेषकर बैन साहित्य के इतिहास को सशक्त भूमिकाएँ तैयार की, शीतलप्रसाद, बार कामताप्रसाबबादि ने भी ऐतिहासिक विषयों पर कसम पसाई, मो. हीरामासन एवं हा ए. एन. पाध्ये से मेघावी

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