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काम्पिल ऋषि-राज
श्राज से बहुत पहले, भारतवर्ष में कौशाम्बी एक नगरी थी । वहाँ के राजा जित शत्रु के दरबार में, काश्यप नाम के एक बड़े ही बुद्धिमान और श्रमसोची पुरोहित थे । उन की स्त्री का नाम यशा था । यही यशा कम्पिल ऋषि राज की माता थी । कम्पिल भी पाँच वर्ष ही के थे, कि इन के पिता का स्वर्गवास हो गया। इन की नाबालिग्री में, पुरोहित का काम भी,