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चित्त और सम्भूत
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प्राचीन समय में, वाराणसी नगरी के, एक समय महा. राज 'शंख' राजा थे । 'नसूची उन का प्रधान था। अधिकार, अविवेक और यौवन के सन्निपात से, उस का प्रत्येक कार्य कुछ न कुछ दोप-पूर्ण रहता था। रानी से भी उस का गुप्त सम्बन्ध हो गया। जहँ कुमति तहँ विपति निदाना।' इस पाप का भएडा एक दिन विना फूटे न रहा। राजा के क्रोध की