Book Title: Jain Hit Shiksha Part 01
Author(s): Kumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publisher: Kumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
View full book text
________________
}
( १४७ )
एकेन्द्री दोय प्रकार की है, दोखे ते बादर है, नहीं दौखे ते सूक्ष्म छे ।
६ एकेन्द्री त्रस के स्थावर - स्थावर है, हाल चालै नहीं ।
एकेन्द्रों में इन्द्रियां कितनी - एक स्पर्श इन्द्रौ ( शरीर ) ।
८ पृथ्वीकाय अध्यकाय ते काय वायुकाय वनस्पति
काय ।
प्रश्न
सन्नी के असन्नी
सूक्ष्म के बादर
त्रस के स्थावर
९ बेइन्द्रौ तेइन्द्रो चौइन्द्रो को पूछा
प्रश्न
उत्तर
सन्नी के असन्नी
असन्नी छै मन नहीं
सूक्ष्म केबादर
चादर छै
त्रस के स्थावर
त्रस छै
१० तिर्यंच पंचेन्द्रो को पूछा
उत्तर
असन्नो छे मन नहीं
1
दोनूं ही प्रकार की छै
स्थावर छै
प्रश्न
सन्नी के असन्नी
सूक्ष्म के बादर
बस के स्थावर
उत्तर
दोनं ही छे
घादर छै
प्रस