Book Title: Jain Hit Shiksha Part 01
Author(s): Kumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publisher: Kumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
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अथः प्रतिक्रमणा।
अर्थ सहित।
णमो अरिहंताणं यामो सिद्धाणं गहमो नमस्कार थावो श्री अरिहन्त नमस्कार थावो श्री नमस्कार भगवन्त में
सिद्ध भगवान ने थावो पायरियाणं णमो उज्झायाचा गमो लोए श्री समाचारज नमस्कार थावो श्री नमस्कार थावो महाराज ने उपाध्याय महाराज ने लोक के विषै
सब्ब साहुणं । सर्व साधु मुनिराजों नें।
॥ अथ तिख्खुता की पाटी ॥
अर्थ सहित तिख्खुत्ता भायाहिणं पयाहिणं बंदामि नम तीन बार दाहिणा प्रदक्षिणा पंदना सत्कार नम पासाथी ई.
फक' स्कार