Book Title: Jain Dharm aur Murti Puja Author(s): Virdhilal Sethi Publisher: Gyanchand Jain Kota View full book textPage 6
________________ सफा मानव कृपया पुस्तक पढ्न में प्रथम निम्नलिग्विन अशुडियों को शुद्ध करने : मफा लाइन अशुद्धि शुद्ध र ४ ६.११.१. आश्रय जवन जीवन १. व । अहंना महना १. भगिनः मांगन: .. . मन बचन यायम गदांगम को पार.. . की नांगो के उस गमान पार देग्यन वाल है २० . . : १. १६ ८ . ६ लग किवि लन i tirat वायु स्पष्ट वाय स्पष्ट . . . 2m ४, प्रभा प्रभाव raPage Navigation
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