Book Title: Jain Dharm Ki Kahaniya Part 19
Author(s): Rameshchandra Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation

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Page 56
________________ जैनधर्म की कहानियाँ भाग-१९ 54 A AYIALI ALHI MEEN Kinnat विषय THILIUILITALIA ATTES SMITHERS HT naatainment •.संसारीज़ीब काबिमान सफेद और काले दो चूहे, जो बराबर आयु की इस शाखा को काट रहे हैं। नीचे मुँह बाये हुए चार अजगर हैं चार गतियाँ – नरक, तिर्यंच, मनुष्य व देव, जिनका ग्रास बनता, जिनमें परिभ्रमण करता मैं सदा से चला आ रहा हूँ और अब भी निश्चित रूप से ग्रास बन जाने वाला हूँ। यदि गुरुदेव का उपदेश प्राप्त करके इस विलासिता का आश्रय न छोड़ा तो। मधुमक्षिकायें हैं – स्त्री, पुत्र व कुटुम्ब जो नित्य चूंट-छूटकर मुझे खाये जा रहे हैं, तथा जिनके संताप से व्याकुल हो मैं कभी-कभी पुकार उठता हूँ 'प्रभु ! मेरी रक्षा करें"। मधुबिन्दु है वह क्षणिक इन्द्रिय सुख, जिसमें मग्न हुआ मैं न बीतती हुई आयु को देखता हूँ, न मृत्यु से भय खाता हूँ, न

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