Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 8
________________ नमोकार मन्त्र है न्यारा नमोकार मन्त्र है न्यारा, इसने लाखो को तारा इस महा मात्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं

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