Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 13
________________ रूम झूम करता पधारो मारा भैरो जी रूम झूम करता पधारो मारा भैरो जी थोरा बालुडा जोवे है थोरी बाट, पधारो मारा भैरो जी मेवानगर दादा आप बिराजो, थोरी महिमा अपरमपार, पधारो मारा भैरो जी... हाथ में त्रिशूल थोरे खप्पर शोभे थोड़ा डम डम डमरू आवाज, पधारो मारा भैरो जी... मेवा मिठाई थोरे तेल चढ़े है, ते तो भक्तो री पूरो सब आस, पधारो मारा भैरो जी... मारवाड़ ध्यावे थाने गोडवाड़ ध्यावे थाट ध्यावे है आखो मेवाड़, पधारो मारा भैरो जी... नाकोड़ा दरबार दादा थोरे चरने आयो हो दादा माथा ऊपर राखजो हाथ, पधारो मारा भैरो जी... 3 13

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