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जय जिनेन्द्र बोलिए
जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र बोलिए। जय जिनेन्द्र की ध्वनि से, अपना मौन खोलिए॥ सुर असुर जिनेन्द्र की महिमा को नहीं गा सके। और गौतम स्वामी न महिमा को पार पा सके ।
जय जिनेन्द्र बोलकर जिनेन्द्र शक्ति तौलिए। जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, बोलिए || जय जिनेन्द्र ही हमारा एक मात्र मंत्र हो
जय जिनेन्द्र बोलने को हर मनुष्य स्वतंत्र हो । जय जिनेन्द्र बोल बोल खुद जिनेन्द्र हो लिए।
जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र बोलिए || पाप छोड़ धर्म छोड़ ये जिनेन्द्र देशना । अष्टकर्म को मरोड़ ये जिनेन्द्र देशा || जाग, जाग, जग चेतन बहुकाल सो लिए |
जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र बोलिए || है जिनेन्द्र ज्ञान दो, मोक्ष का वरदान दो ।
कर रहे प्रार्थना, प्रार्थना पर ध्यान दो ॥ जय जिनेन्द्र बोलकर हृदय के द्वार खोलिए ।
जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र, जय जिनेन्द्र बोलिए ||
जय जिनेन्द्र की ध्वनि से अपना मौन खोलिए॥ मुक्तक द्वार है सब एक दस्तक भिन्न है। भाव है सब एक मस्तक भिन्न है।
स्कूल है ऐसी जहाँ पाठ है सब एक पुस्तक भिन्न है
जिंदगी
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