Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 57
________________ तेरी याद में ओ भगवन हम तो तेरी याद में ओ भगवन, तो हुए दिवाने, तुझको खबर नही कुछ, दुनिया लगी सताने, तेरी याद... हम दिल दर्द से भरा है, कोई ना आसरा है, आये है दर पे, हम हाले दिल सुनाने, तेरी याद... हरेक सपना, कोई नही है अपना, अब तुम ही आओं भगवन, हमको गले लगाने, तेरी याद... हुए करदे मुरादपुरी, मिट जायेगी ये दूरी, पल भर को आजा भगवन, मुखड़ा मे दिखाने, तेरी याद... हमको है आस तेरी, अब करना वीरा देरी, महावीर जल्दी आओं, इस आस को बंधाने, तेरी याद... अब सांस थम रही है, और सांझ ढल रही है, आना पड़ेगा तुझको, बुझती षंमा जलाने, तेरी याद... दिवाने 57

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