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मनवा ! मधुर गीत तु गाले
मनवा ! मधुर गीत तु गाले । इस दुनियाकी बातोंको तज,
जीवन सफल बनाले ॥ जगमे चारो ओर अधेरा,
जाग रे मनका हुआ सबेरा। विषयोसे अब मनको हटाकर,जीवन ज्योत जगाले॥मनवा ॥1 झुठा जग ये झुठा बस्ती कभी न मिटे तेरी हस्ती।
___ काया मायाके तज धंधे ,
जैन धर्म अपना ले ॥मनवा॥2 मिठे मिठे गीत सुनाकर अपने आपे आप रमाकर। ज्ञान कमल का बनकर भंवरा,मुक्तानंद रस पा ले॥मनवा॥3
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