Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 47
________________ तुझे हम ढूंढ रहे है कहां है देहरे वाले तुझे हम ढूंढ रहे है, कहां है देहरे वाले, या तो अब सामने आ, या हमे भी तु छुपाले... तुझे हम... सफर में जिन्दगी के, कुछ ऐसे मोड़ आये, जिन्हे समझा था अपना, वो निकले पराये, एक तेरा है सहारा, गले से तु लगाले... तुझे हम... दर्द से अपना रिश्ता, पुराना हो गया है, तेरी चाहत मे ये दिल, दिवाना हो गया है, सुन सदा धड़कनो की-2 हम है तेरे हवाले... तुझे हम... डोर सांसो की टूटे, जमाना चाहे रूठे, यही बस आरजु है, तेरा दामन ना छुटे, तड़फते है तेरे बिन, पास अपने बुलाले... तुझे हम... 47

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