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एक दर पे भिखारी है
एक दर पे भिखारी है, बड़ा दीन-दुखारी है,
तेरी बाट निहार रहा, तेरा नाम पुकार रहा.. एक दर पे..
इस दिल में उदासी है, आंखे दर्श की प्यासी है, तेरे दर्शन हो जाये, इच्छा ये जरा सी है, सुनी सी आंखों से,
तेरा द्वार निहार रहा.. एक दर पे..
सुनते है तेरी रहमत, हर ओर बरसती है, हम पर भी दया कर दो, हसरत ये मचलती है,
अब तो आ जाओं प्रभु, तेरा बेटा पुकार रहा.. एक दर पे..
धन दौलत ना चाहिये, ना चांदी ना सोना, दे दो अपने दिल में, एक छोटा सा कोना,
जी नही पायेंगे हम, तेरा गर इन्कार रहा.. एक दर पे..
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