Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 740
________________ सन्दर्भ ग्रंथ सूची ७११ १३ साधरंगरचितदीपिका सहित-गोडीपावं जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, सन् १९५० १४ मूल अर्थ--अ. भा. सा. संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना स्थानांग १ अभयदेवकृत वृत्तिसहित--आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९१८-१९२०; ' माणेकलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद, सन् १९३७ २ आगमसंग्रह, बनारस, सन् १८८० ३ अभयदेवकृत वृत्ति के गुजराती अनुवाद के साथ-अष्टकोटि बृहद्पक्षीय संघ, मुद्रा (कच्छ), वि. सं. १९६६ ४ गुजराती अनुवाद सहित-जीवराज घेलाभाई दोशी, अहमदाबाद, सन् १९३१ ५ हिन्दी अनुवाद सहित----अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६ ६ गुजराती रूपान्तर-दलसुख मालवणिया, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, सन् १९५५ ७ स्थानांग अभयदेववृत्ति-रायबहादुर धनपत सिंह, बनारस, सन् १८८० ८ मूल, हिन्दी विशेष टिप्पणी सहित-मुनि कन्हैयालाल 'कमल' . ठाणं-मूल, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण-सम्पादक-मुनि नथमल, प्र. जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.) प्रकाशन वर्ष वि. सं. २०३३ समवायांग १ अभयदेवकृत वृत्तिसहित----आगमोदय समिति, सूरत, सन् १९१६; मफतलाल झवेरचन्द्र, अहमदाबाद १९३८ २ आगमसंग्रह, बनारस सन् १८८० ३ अभयदेवकृतवृत्ति के गुजराती अनुवाद के साथ-जेठालाल, हरिभाई, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, वि. सं. १९६५ ४ हिन्दी अनुवाद सहित-अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६ ५ गुजराती रूपान्तर-दलमुख मालवणिया, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, सन् १९५५ ६ संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी-गुजराती अनुवाद के साथ-मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १९६२ ७ रायबहादुर धनपतसिंह, बनारस, सन् १८८० ६. मूल हिन्दी अनुवाद, टिप्पण सहितमुनि कन्हैयालाल 'कमल' व्याख्याप्रज्ञप्ति १ अभयदेवकृत वृत्तिसहित-आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९१८-१९२१; धनपतसिंह, बनारस, सन् १८८२; ऋषभदेवजी केशरीमल जैन श्वे. संस्था, रतलाम, सन् १९३७-१९४० (१४ शतक तक)

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