Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 753
________________ ७२४ जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा : परिशिष्ट आतुरप्रत्याख्यान १बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, वि. सम्बत् १९६२ २ जैनधर्म प्रचारक सभा, भावनगर, वि. सम्वत् १९६६ महाप्रत्याख्यान १ बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, १६६२ . भक्तपरिज्ञा १ बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, वि. संवत् १९६२ . . २ जैनधर्म प्रचारक सभा, भावनगर, वि. संवत् १९६६ . . तन्दुलवैचारिक १ विजयविमल विहित वृत्ति सहित---देवचन्द्र लालभाई जैन ग्रंथमाला, बम्बई सन् १९२२ २ हिन्दी भावार्थ सहित----श्वे० सा० जैन हितकारिणी संस्था, बीकानेर, वि. सं.. २००६ ___ संस्तारक १ जैनधर्म प्रचारक सभा, भावनगर वि. सं. १९६६ गच्छाचार १ वानरषिविहित वृत्ति सहित--आगमोदय समिति, मेहसाना सन् १९२३ २ विजयराजेन्द्रसूरिकृत गुजराती विवेचन युक्त-भूपेन्द्रसूरि जैन साहित्य समिति, ... आहोर, वि. सं. २००२ ३ गच्छाचार वृत्ति--लेखक विजयमल गणि, दयाविमलजी जैन ग्रंथमाला, बम्बई चन्द्रवेध्यक व वीरस्तव १ केसरभाई शान मन्दिर, पाटन, सन् १९४१ ।। दिगम्बर जैन आगम साहित्य १. बट्सवागम-भाग १ से १६ लेखक-आचार्य पुष्पदन्त और भूतबलि, जैन साहित्योद्धारक फंड, अमरावती, ई. सन् १९३६-१९५८ २. षट्खण्डागम टीका (धवला)-- लेखक : वीरसेनाचार्य, जैन साहित्योद्वारक फंड, अमरावती, ई. सन् १९३६-१९५८ ३. कषायपाहु-लेखक : आचार्य गुणधर, वीरशासन संघ, कलकत्ता, ई० सन् ....१९५५ . ४. कषायपाहुउचूणिसूत्र-यतिवृषभाचार्य, प्र. वीरशासन संघ, कलकत्ता, ई० ... सन् १९५५ ५. कषायपाहुइटीका-बीरसेनाचार्य और जिनसेनाचार्य, दिगम्बर जैन संघ, चौरासी, मथुरा, ई० सन् १९४४ तिलोयपण्णत्ति (भाग २)----यतिवृषभाचार्य, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर ई० सन् १९४३ और १९५१

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