Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 751
________________ ७२२ जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा परिशिष्ट ४ नियुक्ति, भाष्य तथा मलयगिरिविरचित विवरण युक्त- केशवलाल प्रेमचन्द, अहमदाबाद वि. सं. १९८२-८५ समगादक – मुनि माणक निशीथ १ W. Schubring, Leipzig 1911 जैन साहित्य संशोधक समिति, पूना सन् १६२३ २ अमोलक ऋषिकृत हिन्दी अनुवाद सहित सुखदेव सहाय ज्वालाप्रसाद जौहरी, हैदराबाद वी. सं. २४४६ ३ भाष्य व विशेषचूर्णिसहित- सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा सं. उपा. अमर मुनि, मुनि कन्हैयालाल 'कमल' सन् १९५७-६० ४ निशीथचूर्णि - दुर्ग मपद व्याख्या (चतुर्थं विभाग) के अन्तर्गत, पृ० ४१३-४४३ सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा आवश्यक १ भद्रबाहुकृत नियुक्ति की मलयगिष्कृित टीका के साथ-आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९२८ (प्रथम भाग ), ११६३२ ( द्वितीय भाग ); देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, सूरत सन् १९३६ ( तृतीय भाग ) २ भद्रबाहुकृत नियुक्ति की हरिभद्रविति वृत्ति सहित - आगमोदय समिति, बम्बई सन् १९१६-१७ ३ भद्रबाहुकृत नियुक्ति की माणिक्यशांखर विरचित दीपिका सहित --- विजयदान सूरीश्वर जैन ग्रन्थमाला, सूरत, सन् १९३९-४१ ४ मलधारी हेमचन्द्र विहित प्रदेशव्याल्या - देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, बम्बई सन् १९२० ५ गुजराती अनुवाद सहित - भीमसी माणेक बम्बई सन् १९०६ ६ हिन्दी अनुवाद सहित - अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६ 19 हिन्दी विवेचन सहित ( श्रमण सूत्र ) - उपाध्याय अमरमुनि, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, वि. सं. २००७ ८ संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी गुजराती अनुवाद के साथ-मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १६५८ ६ जिनदासकृत चूण, रतलाम, पूर्वभाग सन् १६२८, उत्तर भाग सन् १६२६ १० विशेषावश्यक भाष्य -- शिष्यहिताख्य बृहद्वृत्ति ( मलधारी हेमचन्द्रकृत टीका ) सहित --- यशोविजय जैन ग्रंथमाला, बनारस, वीर संवत् (२४२७-२४४१) ११ गुजराती अनुवाद -- आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९२४-२७ १२ विशेषावश्यकगाथानामकारादिः क्रमा तथा विशेषावश्यक विषयाणामनुक्रमः - नागमोदय समिति, बम्बई, सन् १९१३

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