Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 750
________________ सन्दर्भ ग्रंथ सूची ७२१ पुण्यविजयजी, गुजराती अनुवाद, प्रकाशक-सारामाई मणिलाल नवाब, छीपा मावजीनी पोल, अहमदाबाद, सन् १९५२ १७ कल्पसूत्र कल्पप्रदीपिका-मुक्ति विमल जैन ग्रंथमाला, अहमदाबाद, सन् १९३५ १८ कल्पसूत्र सुबोधिका-विनयविजय उपाध्याय, जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, वि. सं. १९७५ १६ देवचंद्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, बम्बई, सन् १९११, १६२३ ..... २० पण्डित हीरालाल हंसराज जैन, जामनगर, सन् १९३६ २१ कल्पसूत्र कल्पलता--समयसुन्दरगणि कालिकाचार्य कथा सहित--जिनदत्तसूरि प्राचीन पुस्तकोद्धार, सूरत, सन् १९३६. २२ कल्पसूत्र कल्पकौमुदी-शान्तिसागरगर्माण, प्रकाशक ऋषभदेवजी केशवलालजी, रतलाम, सन् १९३६ २३ (क) कल्पद मकलिका-लक्ष्मीवल्लभ, जैन आत्मानंद सभा,भावनगर वि.सं.१९७५ (ख) बेलजी शिवजी, मांडवी, बम्बई, सन् १९१८ २४ सन्देहविषौषधि-जिनप्रभ , हीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९२३ । । २५ कल्पसूत्रार्थ प्रबोधिनी-विजय राजेन्द्रसूरि, राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय, खुडाला (फालना) सन् १९३३ २६ मूल गुजराती, अर्थ विवेचन टिप्पण सहित-देवेन्द्र मुनि, प्र. सुधर्मा शान मन्दिर, मेघजी थोमण जैनधर्म स्थानक, १७० कांदावाड़ी, बम्बई ४ बृहत्कल्प १ जर्मन टिप्पणी आदि के साथ-W. Schubring Leipzig, 1905; मूलमात्र नागरीलिपि में---Poona, 1923 २ गुजराती अनुवाद सहित--डॉ. जीवराज घेलाभाई दोशी, अहमदाबाद,सन् १९१५ ३ हिन्दी अनुवाद ( अमोलक ऋषि कृत ) सहित-सुखदेव सहाय ज्वालाप्रसाद जौहरी, हैदराबाद वी. सं. २४४५ ४ अज्ञात टीका सहित---सम्यज्ञान प्रचारक मंडल, जोधपुर ५ नियुक्ति, लधुभाष्य तथा मलयगिरि-क्षेमकीर्तिकृत टीका सहित-जैन आत्मा. नन्द सभा, भावनगर, सन् १९३३-४१ सम्पादक : चतुर्विजयजी और पुण्यविजयजी ६ बृहत्कल्पचूणि-हस्तलिखित-पुण्यविजयजी के संग्रहालय में। व्यवहार १w. Schubring Leipzig, 1918 जैन साहित्य संशोधक समिति, पूना सन् १९२३ २ अमोलक ऋषि कृत हिन्दी अनुवाद सहित-सुखदेवसहाय ज्वालाप्रसाद - जौहरी, हैदराबाद, वी. सं.२४४५ ३ गुजराती अनुवाद सहित-जीवराज घेलाभाई दोशी, अहमदाबाद, सन् १९२५

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