Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay
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७५४ जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा : परिशिष्ट
मोक्षाभूत ५८६
मोक्षमार्गगति ३०१
यन्त्रपीड़नकर्म १४७ यति ३०६
यथातथ्य अध्ययन ८५ यदुवंशीय २७८
यमकीय ८६
यमकीय अध्ययन ८६
यशस्वी २५७
यशोभद्र ३१०
यक्ष १२६
यज्ञ ३००
यज्ञपूजा ३०० यज्ञीय ३००
याकिनी महत्तरा ५१० यापनीय संघ ५६४, ५६२ महर्षि ४३७
योग २४६, २४७, ३२६, ६११
योगनन्दी ३२६, ३२७
योगमार्ग २६५
योगविद्या ३०७
योगसूत्र ८२
योगीन्द्रदेव ६००
योनिपद २४२
रण्डदेवता सम्प्रदाय ८३
रत्नप्रमा पृथ्वी ६१६
रत्नद्वीप १३४
रत्नत्रय ५८६
रत्नसागर ५५१
रत्नावली १६५
रत्नादेवी १३४
रतिवाक्या ३१६ रथवीरपुरनगर ५६३
रथनेमी २६६, ३१२ रथमूसल संग्राम १२५
रम्यक २६१
रयणसार ग्रन्थ ५८६
रस वाणिज्य १४७
रहस्याभ्याख्यान १४३
राग २५०, ३०३,६११
राजगृह २७३, २७५, ३१०
राजगृही ६०, ६४, १३५
राजप्रश्नीय ३५, ४१, १२६, २०६,
३१८, ६२६ राजप्रश्नीयवृत्ति ५३१ राजयोग १८
राजवार्तिक ७७ ७६, १६२, १७०
राजर्षि संजय २६८
राजा ५६७
राजा गर्दभिल्ल ५०३
राजा चेटक २७२
राजा नमि २६१
राजा प्रदेशी २०६-२१५
राजा प्रसेनजित २०६
राजा महापद्म १३७
राजा विक्रमादित्य ५६३, ५६८
राजा सातवाहन ४८६
राजा श्रेणिक ८६. १३२, १६५, १६७,
१६८, २७२, २६ε
राजीमती २६६, ३१२ रानी धारिणी २०६ रामानन्दी सैद्धान्तिक ५६६ रामायण ४४, ३२५
राष्ट्रधर्म २५८
राहू २६८, २७०
रुक्मिणी २७७
रूपानुपात १५० रूपी ३०४ रेवती २७७
रोम आहार प

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