Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 749
________________ ७२० जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा : परिशिष्ट | বাবা । १ अमोलकऋषि कृत हिन्दी अनुवाद सहित-सुखदेवसहाय ज्वालाप्रसाद, हैदराबाद बी. सं. २४४५ .. . २ उपाध्याय आत्मारामकृत हिन्दी टीका सहित-जैन शास्त्रमाला कार्यालय, सैदमिट्ठा बाजार, लाहौर, सन् १९३६ ३ मूल-नियुक्ति-चूर्णि----मणिविजयजी गणि ग्रन्थमाला, भावनगर, वि. सं. २०११ ४ मुनि घासीलालकृत संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी-गुजराती अनुवाद के साथजैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, सन् १९६० केवल आठवाँ उद्देश कल्पसूत्र १ भूमिका सहित-H. Jacobi, Leipzig 1879 २ अंग्रेजी अनुवाद-H. Jacobi,S. B. E. Series Vol. 22, Clarendon Press Oxford 1884 ३ सचित्र-देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, बम्बई, सन् १९३३ ४ सचित्र-जैन प्राचीन साहित्योद्धार, अहमदाबाद सन् १९४१ । ५ मुनि प्यारचंद्रकृत हिन्दी अनुवाद सहित-जैनोदय पुस्तक प्रकाशन समिति, रतलाम, वि. सं. २००५ ६ मूल-मफतलाल झवेरचन्द्र, वि. सं. १९९६ ७ माणिकमुनिकृत हिन्दी अनुवाद सहित-सोभागमल हरकावत, अजमेर, वि. स. १९७३ हिन्दी अनुवाद-आत्मानंद जैन सभा, जालंधर शहर, सन् १९४८ हिन्दी भावार्थ-जैन श्वे० संघ, कोटा, सन् १९३३ १० गुजराती भाषान्तर, चित्र विवरण, नियुक्ति चूणि, पृथ्वीचन्द्र सूरि कृत टिप्पण आदि सहित----साराभाई मणिलाल नवाब, छीपा मावजीनी पोल, अहमदाबाद, सन् १९५२ .११ धर्म सागर गणिविरचित वृत्ति सहित-जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, सन् १९२२ १२ संघविजयगणिसंकलित वृत्ति सहित--वाडीलाल चकुभाई, देवी शाहनो पाडो, ____ अहमदाबाद, सन् १९३५ ।। १३. समयसुन्दरगणि विरचित व्याख्या सहित-जिनदत्तसूरि ज्ञानभण्डार, बम्बई, सन् १९३६ १४ विनयविजय विरचित वृत्ति सहित हीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९३६ गुजराती अनुवाद-मेघजी हीरजी जैन बुकसेलर, बम्बई, वि. सं. १९८१ १५ हिन्दी अर्थ, विवेचन व टिप्पण सहित-श्री देवेन्द्र मुनि जी म. श्री अमर जैन आगम शोध संस्थान, सिवाना, सन् १९६८ . १६ मूल पाठ नियुक्ति, चूणि पृथ्वीचन्द्राचार्य विरचित टिप्पणक सहित-सं. मुनि

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