Book Title: Jain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 744
________________ सन्दर्भ ग्रंथ सूची ७१५ ६ संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी गुजराती अनुवाद के साथ मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १६५६ ७ गुजराती छायानुवाद -गोपालदास जीवाभाई पटेल, जैन साहित्य प्रकाशन समिति, अहमदाबाद, सन् १९४० ८ मूल, मूल का अंग्रेजी अनुवाद सहित गुर्जर ग्रन्थरत्न कार्यालय, गांधीरोड, अहमदाबाद, सन् १६३५ औपपातिक १ प्रस्तावना आदि के साथ- E Leumann, Leipzig, 1883 २ अभयदेवकृत वृत्ति सहित - आगम संग्रह, कलकत्ता, सन् १८८०; आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९१६ ३ हिन्दी अनुवाद सहित अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६ ४ संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी-गुजराती अनुवाद के साथ मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १९५६ ५ मूल--- छोटेलाल यति, जीवन कार्यालय, अजमेर, सन् १९३६ ६ अभयदेवकृत वृत्ति सहित - रायबहादुर धनपतसिंह, कलकत्ता, सन् १८७५ ७ मूल हिन्दी अनुवाद - संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना राजप्रश्नीय १ मलयगिरिकृत टीका सहित धनपतसिंह, कलकत्ता, सन् १८८० आगमोदय समिति, बम्बई सन् १६२५; गुर्जर ग्रन्थरत्न कार्यालय, अहमदाबाद वि. सं. १६६४ २ हिन्दी अनुवाद सहित अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४५ ३ संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी गुजराती अनुवाद के साथ-मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १९६५ ४ गुजराती अनुवाद--- (क) बेचरदास जीवराज दोशी, लाधाजी स्वामी पुस्तकालय, बड़ी, सन् १९३५ (ख) प्रकाशक : गुर्जर ग्रन्थ कार्यालय, अहमदाबाद वि. सं. १९९४ जीवाभिगम १ मलयगिरिकृत वृत्ति सहित - देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड बम्बई सन् १६१६ २ हिन्दी अनुवाद सहित — अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. स. २४४५ ३ मलयगिरिकृत वृत्ति व गुजराती विवेचन के साथ - धनपतसिंह, अहमदाबाद, सन् १८८३ प्रज्ञापना १ मलयगिरिविहित विवरण, रामचन्द्रकृत संस्कृत छाया व परमानन्दषिकृत स्तवक के साथ धनपतसिंह, बनारस, सन् १८८४

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