Book Title: Hemchandracharya Diwakar Chitrakatha 040
Author(s): Nityanandsuri, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 7
________________ क्या यह दीक्षा लेगा? कलिकाल सर्वज्ञ : हेमचन्द्राचार्य महामंत्री हर्षित होकर बोलेयदि दीक्षा ले तो इसका दीक्षा महोत्सव गुरुदेव ! मेरा अहोभाग्य। यह सौभाग्य मुझे ही मिलना चाहिए। तुम करोगे? और एक दिन खूब धूमधाम से चंगदेव को दीक्षा प्रदान की गई। # /आज से यह मुनि AWNAVAVAJANIYLIPMAMANINETRAJAVA सोमचन्द्र के नाम । से प्रसिद्ध होगा। Tout le Spele ofreadhannel OHION लगभग दस वर्ष पश्चात एक दिन आचार्यश्री अपने शिष्यों के साथ ज्ञानचर्चा कर रहे थे। आचार्यश्री ने बताया गणधर गौतम स्वामी सर्वविद्या सम्पन्न थे। एक-एक शब्द के असंख्य अर्थ और एक-एक अर्थ के असंख्य पर्याय का ज्ञान था उन्हें। # वि. सं. ११५४ माघ सुदि १४ दिन शनिवार, उम्र ९ वर्ष। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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