Book Title: Hemchandracharya Diwakar Chitrakatha 040
Author(s): Nityanandsuri, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 25
________________ कलिकाल सर्वज्ञ : हेमचन्द्राचार्य एक दिन सिद्भराज के गुप्तचर सैनिक घूमते हुए | महामंत्री रात के समय कुमारपाल को आचार्यश्री के महामंत्री की हवेली पर आ गये-- पास ले आये। सारी स्थिति समझाई। आचार्यश्री उसे महाराज का आदेश मिला है। अपने साथ एक भूमि गृह ले गये। कि कमारपाल खंभात में कहीं कुमार, इस तलघर छिपा है। इसलिए खंभात का में उतर जा। चप्पा-चप्पा छान लो। महाराज की आज्ञा का पालन करो और घर-घर की तलाशी लो। OXC LIMIMAN फिर दरवाजा बन्द कर सैनिक महामंत्री का घर छोड़कर घर-घर की उसके चारों तरफ ग्रन्थों तलाशी लेने निकल पड़े। का ढेर लगा दिया। गुप्तचर खोजते-खोजते उपाश्रय में भी आये। कुछ दिनों बाद महामंत्री उदयन ने कुमारपाल को आवश्यक धन आदि देकर कहाकुमार ! अभी उचित समय है, तुम दूर, बहुत दूर चले जाओ। inmaduIMAL JHUNUH RSA MOR यहाँ तो कोई नहीं बहुत खोजा, परन्तु कुमारपाल का पता नहीं पा सके।। कुमारपाल वहाँ से जंगलों में चला गया। 23 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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