Book Title: Hemchandracharya Diwakar Chitrakatha 040
Author(s): Nityanandsuri, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 28
________________ कलिकाल सर्वज्ञ : हेमचन्द्राचार्य एक दिन राजा कुमारपाल राजसभा में बैठा था, तभी पुजारियों को वस्त्र, आभूषण से सम्मानित कर राजा देवपत्तन के पुजारी वहाँ आये। उन्होंने अभिवादन करके ने विदा करके फिर अधिकारियों को बुलायानिवेदन किया-ALI महाराज, सोमनाथ महादेव का प्राचीन काष्ट यह पुण्य कार्य हम सोमनाथ मन्दिर बहुत जीर्ण हो गया। अवश्य करेंगे। आप महादेव मन्दिर का है। उसका जीर्णोद्धार निश्चिंत रहें। जीर्णोद्धार शीघ्र आवश्यक है। होना चाहिए। Olman अधिकारी मन्दिर के निर्माण कार्य में जुट गये। कुमारपाल एक दिन हेमचन्द्रसूरि के पास बैठा चर्चा कर रहा थागुरुदेव, दो वर्ष हो गये, राजन् ! किसी मन्दिर का निर्माण कार्य आगे महान कार्य के लिए कुछ नहा बढ़ रहा हा एसा उपाय न कुछ व्रत, संकल्प बतायें कि यह शुभ कार्य निर्विघ्न सम्पन्न हो जाये AR/ IA करना होता है। 26 For Private & Personal Use Only. Jain Education International www.jainelibrary.org,

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